40 दिन चला था राम-रावण महायुद्ध

Published : October, 2008 आश्‍विन शुक्ल दशमी अर्थात् ‘दशहरा’ को जिस युद्ध की परिणति भगवान् राम की विजय के रूप में हुई, वह युद्ध ४० दिन तक चला था| सेतुबन्ध के उपरान्त भगवान् राम सेना सहित पौष माह के अन्त में लंका पहुँच गए थे| माघ कृष्ण पक्ष में अंगद दूत बनकर रावण की सभा […]

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20 दिन में मिलेगी धन समृद्धि

Published : October, 2008 आवश्यक सामग्री : दक्षिणावर्ती शंख, अक्षत, दो लाल कपड़े, चौकी, लाल चन्दन| शुभ मुहूर्त : विजयादशमी को सायंकाल| प्रयोग अवधि : 20 दिन| प्रयोगविधि : विजयादशमी को सायंकाल एक चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर दक्षिणावर्ती शंख की स्थापना करें| 108 अक्षत लेकर उन पर चन्दन लगाएँ| तदुपरान्त नीचे दिए गए मन्त्र […]

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13 शुभ अथवा अशुभ

Published : January, 2010 23 सितम्बर, 2009 को भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा आन्ध्रप्रदेश में श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अन्तरिक्ष केन्द्र से प्रक्षेपित किए गए ओशनसैट-2 को जिस पोलर सैटेलाइट लॉंच व्हीकल के द्वारा प्रक्षेपित किया गया, उसका नाम पीएसएलवी-सी 14 था| उससे पूर्व जिस सैटेलाइट लॉंच व्हीकल का प्रयोग किया गया, उसका नाम पीएसएलवी-सी […]

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10 महादान

10 वस्तुएँ महादान के अन्तर्गत मानी गई हैं| इनका दान करने से पितृगणअत्यन्त संतुष्ट होते हैं| <strong>1. गौदान :</strong> गौदान को दस महादान में प्रमुख माना गया है| <strong>2. भूमिदान :</strong> भूमिदान के निमित्त यदि आप सक्षम हैं, तो किसी गरीब व्यक्ति को रहने हेतु थोड़ी भूमि का दान कर सकते हैं| इसके अतिरिक्त सामान्य […]

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पराशक्तियों से सम्पर्क ‘सिक्स्थ सेन्स’ का रहस्य

Published : March, 2008 लेखक को कुछ दिनों पूर्व एक ऐसे व्यक्ति की जन्मपत्रिका देखने को मिली, जिसका पारलौकिक शक्तियों से सम्पर्क था अर्थात् उसमें सिक्स्थ सेन्स की शक्ति थी| उसे मृत आत्माएँ एवं भूत-प्रेत दिखते थे| यद्यपि उनसे उसे किसी प्रकार की हानि नहीं हुई, परन्तु उनके प्रभाव से उसे ऐसी घटनाओं का सामना […]

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‘बाबाजी’ जो ईसा के युग में भी थे और आज भी हैं

Published : July, 2008 कहा जाता है कि हिमालय की गुफाओं में ऐसे अनेक सिद्ध पुरुष हैं, जिनकी आयु सैंकड़ों—हजारों वर्ष है| वे इतनी लम्बी आयु योग के माध्यम से प्राप्त करते हैं| ऐसे योगियों का परिचय आम जनता से नहीं हो पाता है, किन्तु वे एक विशेष उद्देश्य की प्राप्ति के लिए अथवा आत्म […]

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अभिनव बिन्द्रा स्वर्णिम युग का आरम्भ है, अन्त नहीं

11 अगस्त, 2008 को बीजिंग में अभिनव की बन्दूक से निकलने वाली अन्तिम गोली ने न केवल अभिनव की किस्मत के द्वार को खटखटाया, वरन् भारतीय खेल जगत् की किस्मत भी उस आहट से जागती हुई प्रतीत हुई| वह गोली चली, तो बीजिंग में थी, परन्तु उसकी ध्वनि भारत में सुनाई दी| चारों ओर हर्ष […]

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आदि शंकराचार्य के बाद शंकराचार्य

Published : April, 2009 जैसा कि हम जानते हैं आद्यगुरु शंकराचार्य जी ने सनातन धर्म के कल्याणार्थ सम्पूर्ण भारत में पृथक्-पृथक् दिशाओं में चार मठों की स्थापना की| ये मठ हैं : 1. वेदान्त ज्ञानमठ, शृंगेरी (दक्षिण भारत) 2. गोवर्धन मठ, जगन्नाथपुरी (पूर्वी भारत) 3. शारदा (कालिका) मठ, द्वारका (पश्‍चिम भारत) 4. ज्योतिर्पीठ, बद्रिकाश्रम (उत्तर […]

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