अस्पताल हो वास्तुदोष रहित

सुख-साधनों की चकाचौंध ने विकासदर को तो बढ़ाया ही है, साथ ही प्राकृतिक संसाधनों के दोहन से अनेक रोगों और असाध्य बीमारियों को भी निमंत्रण दिया है| नित नए-नए रोगों का जन्म हो रहा है तथा पुराने रोगों पर औषधियॉं बेअसर सिद्ध हो रही हैं| इसी क्रम ने अस्पतालों और नर्सिंग होमों की संख्या में […]

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कटे कोनों का भी है वास्तु उपचार

यह कामना करना बहुत सुखद और आसान है कि हमारे मकान में कोई भी कोना कटा या घटा नहीं हो, परन्तु आज के जमाने में मल्टी स्टोरी अपार्टमेंट के चलन में जब फ्लैट बनाए जाते हैं, तो हर कमरे, किचन या टॉयलेट को नैचुरल लाइट और क्रॉस वेंटिलेशन उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से अक्सर एक […]

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ऐसे मुक्त हों ऑफिस के वास्तुदोषों से

किसी भी ऑफिस की प्रगति के लिए और व्यापारिक उन्नति के लिए उस ऑफिस का वास्तु अनुकूल होना उतना ही आवश्यक है जितना कि उस ऑफिस के कर्मचारियों का मेहनती और ईमानदार होना। कई बार हम देखते हैं कि किसी ऑफिस में कर्मचारी परिश्रम कर रहे हैं, बाजार की स्थितियॉं भी अनुकूल हैं फिर भी […]

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ऐसे दूर करें फैक्ट्री के वास्तुदोषों को

वास्तु का प्रचलन सनातन है| यह अवश्य है कि कुछ समय के लिए दृष्टि से यह ओझल हो गया था, परन्तु आज यह पुन: अपने पूर्ण यौवन को प्राप्त हो चुका है, इसमें भी संशय नहीं है| आज के इस औद्योगिकीकरण के युग में अनेक परिवर्तन होते रहते हैं, जिससे अनेक समस्याओं का भी प्रादुर्भाव […]

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ऐसे करें पहाड़ी क्षेत्रों में भवन निर्माण

हमारे देश के उत्तर और पूर्व का काफी बड़ा भू-भाग पर्वत शृंखलाओं से आच्छादित है| जहॉं पर देश की बड़ी आबादी-निवास करता है| ऐसे पहाड़ी क्षेत्रों पर भवन निर्माण के लिए ज्यादातर भूखण्ड ढलान वाले ही उपलब्ध होते हैं, जिनकी ढलान किसी भी दिशा में हो सकती है| ऐसे पहाड़ी स्थानों पर भवन बनाने के […]

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आरुषि हत्याकाण्ड वास्तुदोषों की भी है अहम भूमिका

प्रत्येक हत्या में वास्तुदोषों की भी अहम भूमिका होती है| डॉ. राजेश तलवार के घर नोएडा के सेक्टर २५ के फ्लैट में नम्बर एल-३२ में हुए दोहरे हत्याकाण्ड में भाग्य के साथ-साथ उनके घर के वास्तु की भी अहम भूमिका रही| जहॉं उनकी इकलौती बेटी आरुषि की गला काट कर हत्या कर दी गई, वहीं […]

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ड्राइंगरूम की वास्‍तु एवं दोषों के उपाय

Published : January, 2008 वास्तु शास्त्र के अनुसार वायव्य दिशा ड्राइंगरूम या अतिथि कक्ष के निर्माण हेतु सर्वोत्तम मानी गयी है| अतिथि कक्ष हेतु इस दिशा का निर्धारण यूँ ही नहीं किया गया है, अपितु इसके पीछे भी एक वैज्ञानिक सिद्धान्त कार्य करता है| वायव्य दिशा में उच्चाटन का एक विशेष गुण होता है, जिसे […]

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