चाय की पत्तियों से भविष्य कथन एक अनूठी विधा है| इसे ‘टेसिओग्राफी’ के नाम से जाना जाता है| इसके अन्तर्गत चाय पीने के बाद बची हुई चाय की पत्तियों या पीने के बाद कप में बची हुई कॉफी अथवा ग्लास के पैंदे में बची हुई मदिरा से बनी विभिन्न आकृतियों का अध्ययन किया जाता हैऔर फिर अपनी अन्त:प्रज्ञा (इन्ट्यूशन) का प्रयोग करते हुए फलकथन किया जाता है| इस विधा का प्रचार-प्रसार और इसके जानकार व्यक्ति स्कॉटलैण्ड, आयरलैण्ड और इंग्लैण्ड में अधिक हैं| यहॉं इस विषय पर अनेक व्यक्तियों द्वारा पुस्तकें भी लिखी गई हैं| इतना ही नहीं विभिन्न आकृतियों द्वारा संकेतित भविष्यफल का वर्णन भी उनके द्वारा किया गया है|
चाय की पत्तियों से भविष्यकथन का तरीका
इसके लिए आगन्तुक व्यक्ति को एक कप में या प्याले में पीने के लिए चाय प्रस्तुत की जाती है| चाय का कप सफेद, क्रीम या हल्के रंग का होना चाहिए, जिससे कि बनने वाली आकृतियॉं स्पष्ट रूप से नजर आ सकें| जो चाय पत्ती आप उपयोग में लेते हैं, वह बाजार में मिलने वाली दानेदार चाय भी हो सकती है अथवा प्राकृतिक रूप से प्राप्त चाय की पत्तियों को भी आप इस हेतु उपयोग में ले सकते हैं| जिस दौरान चाय बन रही हो, उस दौरान व्यर्थ क्रिया-कलाप नहीं करने चाहिए| यदि सम्भव हो सके, तो शान्त चित्त से विभिन्न प्रकार की आकृतियों का स्मरण करना चाहिए अथवा मेडिटेशन भी किया जा सकता है| भविष्यवक्ता को अन्य सभी बातें अपने दिमाग से निकाल देनी चाहिए| इसके बाद यह चाय बगैर छाने ही पृच्छक को पीनी चाहिए| पीते समय ध्यान या तो अपने प्रश्न पर होना चाहिए अथवा अपने श्वास के आवागमन और चाय के स्वाद पर होना चाहिए| अन्त में थोड़ी-सी चाय उस कप में ही रहने दें| अब आगन्तुक व्यक्ति को स्वयं अपने हाथ से चाय का कप तीन बार इस तरह से घुमाना चाहिए कि सम्पूर्ण कप पर वह चाय लग जाएऔर फिर बची हुई चाय जमीन पर बिखेर देनी चाहिए| ऐसा करने से चाय की पत्तियॉं कप के अन्दर की ओर चारों तरफ जम जाती हैं| अब ध्यान रहे कि उस कप को ज्यादा हिलाना-डुलाना नहीं है, ताकि उसमें बनी आकृतियॉं बिगड़ नहीं सकें| इसके बाद स्वयं पृच्छक को ही सर्वप्रथम उस कप का निरीक्षण करना चाहिए| जो भी आकृति आपको प्रतीत हो, उसे कागज पर लिख लें| हो सकता है पहले जो चीज आपको बेलन के रूप में नजर आए, वही आपको दुबारा मछली ऩजर आ जाए, लेकिन आपको वही अर्थ लिखना है, जो सबसे पहले आपके मस्तिष्क में आया था| इस कप के द्वारा भूत, भविष्य एवं वर्तमान तीनों कालों में घटित होने वाली घटनाओं और महत्त्वपूर्ण घटनाओं का दर्शन किया जा सकता है| इसके लिए आपको यह कप काल्पनिक रूप से तीन बराबर भागों में बॉंटना है| कप के ऊपरी हिस्से से मध्य भाग की ओर पहला खण्ड रहेगा| पहले खण्ड की समाप्ति से कप का मध्य भाग दूसरा खण्ड रहेगा और मध्य भाग के अन्त से कप के पैंदे तक तीसरा खण्ड रहेगा| प्रथम खण्ड आपकी वर्तमानकालिक और भूतकालिक स्थिति को दर्शाता है| द्वितीय खण्ड निकट भविष्य में होने वाली घटनाओं को दर्शाता है और तृतीय खण्ड दीर्घकालिक भविष्य या आपके द्वारा पूछे गए प्रश्न के निष्कर्षात्मक उत्तर को दिखाता है| यदि इन आकृतियों में आपको कोई नामाक्षर यथा-अ, घ, ध या अन्य कोई अक्षर आपको नजर आए, तो उससे सम्बन्धित जो नाम सबसे पहले आपके मस्तिष्क में आए, उसे भी लिख लें| इसके बाद इन सभी प्रतीकों का फल भविष्यवक्ता को बताना चाहिए| यदि पृच्छक इतना छोटा हो कि वह उन चिह्नों को नहीं पहचान सके या उसकी मानसिक स्थिति इस प्रकार की नहीं हो कि वह उन चिह्नों को पढ़ सके, तो भविष्यवक्ता को स्वयं कप का निरीक्षण करके चिह्न खोजने चाहिए और उनका फल बताना चाहिए|
१९ वीं सदी के प्रारम्भ से वर्तमान तक इंग्लैण्ड और अमेरिका के बर्तन निर्माताओं ने विभिन्न प्रकार के डिजाइन वाले कप बनाने शुरू कर दिए हैं| ये कप मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं : प्रथम प्रकार के कप में राशि और ग्रहों के चिह्न अन्दर की ओर बने रहते हैं| इनमें लगी चाय पत्ती और ग्रह एवं राशियों के सम्मिश्रण से भविष्यकथन किया जाता है| द्वितीय प्रकार के कप वे हैं, जिनके अन्दर ताश के ५२ पत्ते बने हुए होते हैं और तीसरे कप वे होते हैं, जिनमें विभिन्न प्रकार की आकृतियॉं बनी होती हैं| इन आकृतियों के ऊपर छूटी हुई चाय पत्तियों के आधार पर भविष्यकथन होता है|
चाय के समान ही कॉफी के कप से भी भविष्यकथन किया जाता है| इसके लिए पूछने वाले व्यक्ति को पीने के लिए एक कप में कॉफी दी जाती है| कॉफी पीने के बाद दो तरीकों से इसमें आकृतियॉं बनाई जाती हैं| पहला अन्त में बची हुई थोड़ी-सी कॉफी को सीधे हाथ से तीन बार हिलाकर कॉफी के कप पर आकृतियॉं बनाना और दूसरा पीने के बाद पैंदे में बची हुई कॉफी को चीनी मिट्टी की प्लेट पर उलट देना| अब कॉफी द्वारा बनी हुई आकृतियों का अध्ययन किया जाता है| इस विधि में महत्त्वपूर्ण बात यही है कि अन्दर बने हुए चिह्नों का निरीक्षण पूछने वाले व्यक्ति को स्वयं नहीं करना चाहिए बल्कि भविष्यवक्ता को करना चाहिए और फल बताना चाहिए| ये फल उस चिह्न की कप में स्थिति के आधार पर भी परिवर्तित हो सकते हैं| यथा-गोले का चिह्न सफलता को दर्शाता है, लेकिन यदि यह गोला कुछ टूटा हुआ है, तो आपको कहीं से कोई अच्छा प्रस्ताव हो सकता है, लेकिन उस प्रस्ताव का परिणाम में परिवर्तन हो पाना सन्देहास्पद रहेगा| इसी प्रकार किसी प्रकार के फल का चिह्न समृद्धि या धन प्राप्ति को दर्शाता है| यह चिह्न यदि कप के प्रथम भाग में रहेगा, तो यह धन प्राप्ति या समृद्धि अतिशीघ्र ही प्राप्त होने वाली है| यदि यह चिह्न मध्य भाग में रहेगा, तो इसमें कुछ महीनों का या एक-दो वर्ष का समय लग सकता है, जबकि यह चिह्न यदि कप के पैंदे में रहेगा, तो फल प्राप्ति अनेक वर्षों के पश्चात् या दीर्घावधि के पश्चात् प्राप्त होगी| इतना ही नहीं कई बार तो प्रथम, मध्यम एवं अन्तिम खण्ड के आधार पर एक ही प्रतीक चिह्न के अलग-अलग फल भी प्राप्त हो सकते हैं| कुछ विशिष्ट निशान एवं उनसे सम्बन्धित फल यहॉं प्रदर्शित किए जा रहे हैं :
हवाई जहाज : यात्रा
मगरमच्छ : कार्यक्षेत्र में सहकर्मी से धोखे की आशंका
सेब : ज्ञान प्राप्ति, या किसी डिग्री-डिप्लोमा का पूर्ण होना|
तीर का निशान : ऊपर की ओर होने पर सफलता, नीचे की ओर होने पर असफलता, समस्तरी या आड़ा होने पर जैसी की तैसी स्थिति रहना|
बैग : किसी जाल में फँसना, यदि खुला हो, तो उस जाल से बच जाना|
नाव : यात्रा से धन की प्राप्ति|
बॉक्स : अतिशीघ्र ही आपको कोई उपहार प्राप्त होने वाला हो|
केक : मनवांछित फल की प्राप्ति|
मोमबती : अप्रत्याशित स्थान से सहायता की प्राप्ति या मित्रों का सहयोग|
कुर्सी : शीघ्र ही घर में किसी नए सदस्य अथवा मेहमान का आगमन|
घड़ी : कार्यों में विलम्ब की आदत छोड़ दें अन्यथा हानि हो सकती है|
मुकुट : आपके कार्यों के लिए सम्मान की प्राप्ति|
दरवाजा : आगे आने वाले अवसरों को भुनाने के लिए तैयार रहना|
अंडा : यदि साबुत हो, तो नए जीवन की प्राप्ति या किसी नए कार्य की सफलतापूर्ण शुरुआत, लेकिन यदि टूटा हुआ हो, तो कार्यों में असफलता या प्रारम्भ किए गए कार्यों में दिक्कतें|
पुष्प : आपके कार्यों के लिए प्रशंसा और यश की प्राप्ति|
पैर : कॅरिअर में, रहने के स्थान में अथवा प्रेम सम्बन्धों में किसी प्रकार का परिवर्तन|
ग्लास : घर मेंे किसी प्रकार का उत्सव या सामाजिक आयोजन|
हाथ : यदि खुले हुए हों, तो भाग्य एवं कर्मठता में वृद्धि, यदि बन्द हों, तो किसी से विवाद होने का संकेत|
पतंग : आपकी इच्छा पूर्ण होने के संकेत|
पहाड़ : एक बहुत ही कठिन, लेकिन प्राप्त हो जाने वाले लक्ष्य की प्राप्ति|
अंगूठी : दाम्पत्य जीवन में मधुरता, लेकिन यदि यह अंगूठी टूटी हुई हो, तो असफलता के निशान|
सितारा : सफलता, पहचान बनना या प्रशंसा की प्राप्ति, यदि यह सितारा चाय के प्याले के पैंदे में हो, तो विलम्ब से सफलता की प्राप्ति|
तलवार : शत्रु से सावधान रहने की आवश्यकता|
पहिया : अचानक कोई ऐसी घटना घटित होना, जिससे आपका सारा जीवन परिवर्तित हो जाए|
ओक्टोपस : आगामी खतरे का संकेत|
सॉंप : कोई ऐसा व्यक्ति आपके साथ है, जिस पर आपको विश्वास नहीं करना चाहिए|
इन सभी निशानों का निरीक्षण करते समय एक स्थान के पश्चात् उसके समीप स्थित दूसरे स्थान को भी भली-भॉंति देखना चाहिए और संभावित फल का विचार करना चाहिए जैसे; मोमबती के समीप ही बॉक्स का निशान भी दिखाई दे जाए, तो इसका अर्थ है कि आपको आपके मित्रों द्वारा धन लाभ होने वाला है|
