तानाशाही प्रवृत्ति और ज्योतिष

रामायण एवं महाभारत युग से ही जहॉं एक ओर लोककल्याणकारी राजाओं के उदाहरण मिलते हैं, वहीं तानाशाही प्रवृत्ति वाले क्रूर शासकों के भी उदाहरण मिलते हैं| दशरथ, जनक, राम, युधिष्ठिर जैसे लोककल्याणकारी राजा भारतीय जनमानस में आज भी आदर्श के रूप में माने जाते हैं, वहीं रावण, कंस, जरासंध, हिरण्यकशिपु इत्यादि क्रूर तानाशाही प्रवृत्ति वाले […]

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इनके होते हैं शत्रु अधिक

1. यदि जन्म कुण्डली में षष्ठेश षष्ठ भाव में स्थित हो, तो जातक के सम्बन्धी ही उसके शत्रु होते हैं| 2. यदि पंचमेश द्वादश या षष्ठ स्थान में स्थित हो, तो पुत्र जातक का शत्रु होता है| 3. चतुर्थेश और एकादशेश यदि पंचधामैत्री चक्र में लग्नेश से शत्रुता रखते हों, तो जातक की अपनी माता […]

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जन्म कुण्डली से मित्रता का विचार

इस संसार में खून के रिश्ते भगवान् बनाता है (जैसे माता-पिता, भाई-बहन, चाचा, मामा, बुआ, मौसी आदि), ये रिश्ते ऐसे होते हैं, जिन्हें हम स्वयं नहीं चुन सकते, इन्हें स्वीकार करना हमारी नियती होती है, लेकिन एक रिश्ता ऐसा भी होता है, जो हम स्वयं बनाते हैं, यह रिश्ता मन से बनाया जाता है, जो […]

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