आप दिव्यात्मा हैं
परमहंस योगानन्द ई श्वर ने हमें विविध स्वरूपों में मानवीय सम्बन्ध एक ही उद्देश्य के लिए दिए हैं| हमें एक दूसरे से सीखना है| एक अर्थ में प्रत्येक व्यक्ति हमारा गुरु र्है| बच्चे हमें सिखाते हैं, वे हमें अनुशासित करते हैं| उनके जीवन को उचित सॉंचे में ढालने में उनकी सहायता करने के लिए हमें […]
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