अस्पताल हो वास्तुदोष रहित
सुख-साधनों की चकाचौंध ने विकासदर को तो बढ़ाया ही है, साथ ही प्राकृतिक संसाधनों के दोहन से अनेक रोगों और असाध्य बीमारियों को भी निमंत्रण दिया है| नित नए-नए रोगों का जन्म हो रहा है तथा पुराने रोगों पर औषधियॉं बेअसर सिद्ध हो रही हैं| इसी क्रम ने अस्पतालों और नर्सिंग होमों की संख्या में […]
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