जन्मपत्रिका से जानें सन्तान सुख

ज्योतिष शास्त्र में सन्तान सम्बन्धी विचार विशेष रूप से विचारणीय विषय है| फलित ज्योतिष की सभी विधाओं में इसका पृथक् से विस्तृत वर्णन प्राप्त होता है| फलित शास्त्र की सबसे महत्त्वपूर्ण विधा जन्मपत्रिका द्वारा फलकथन में पञ्चम भाव से सन्तान विचार किया जाता है| इस भाव की सुत भाव के रूप में संज्ञा दी गई […]

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कब होगा आपका विवाह?

भारतीय संस्कृति की आश्रम व्यवस्था में गृहस्थाश्रम का अत्यधिक महत्त्व है, ब्रह्मचर्याश्रम, गृहस्थाश्रम, वानप्रस्थाश्रम एवं संन्यास आश्रम, इन चारों में गृहस्थाश्रम ही है, जो शेष तीनों आश्रमों का निर्वहण करता है| इस आश्रम का प्रारम्भ विवाह से होता है| शास्त्रों में गर्भाधान, नामकरण आदि षोडश संस्कारों का वर्णन है| विवाह भी इनमें से ही एक […]

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