अमेरिका का कोविड-19 संकट और ज्योतिष (America’s Kovid-19 Crisis and Astrology)
शायद ही किसी ने अनुमान लगाया हो कि संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे शक्तिशाली, धनवान् और विकसित देश में किसी महामारी से केवल 2 महीने में 93000 से अधिक मौतें हो सकती हैं। पूरा देश-प्रशासन सभी इस कोविड-19 महामारी (KOVID-19 Mahamari) के समक्ष पस्त हो चुके हैं। इन पंक्तियों के लिखे जाने तक 93800 लोग अकाल मौत के शिकार हो चुके हैं और 15,80,000 व्यक्ति इस महारोग से ग्रस्त हुए हैं, जिनमें से केवल 20 प्रतिशत व्यक्ति ही अभी तक ठीक हुए हैं, लगभग 12 लाख अमेरिकी अभी भी रोगग्रस्त हैं। प्रतिदिन 1500-2000 लोग मौत का शिकार हो रहे हैं।
यद्यपि सम्पूर्ण विश्व ही इस महामारी की चपेट में है, परन्तु अमेरिका जैसा संकट अन्य देशों में नहीं है। सभी को जिज्ञासा है कि इस महामारी से अमेरिका क्यों सर्वाधिक रूप से त्रस्त हुआ और वहॉं इस बीमारी से राहत कब मिलेगी? आइए, ज्योतिष के आधार पर इसका विश्लेषण करते हैं।
अमेरिकी लोगों ने 4 जुलाई, 1776 को स्वतन्त्रता की घोषणा कर दी थी, परन्तु सही अर्थों में स्वतन्त्रता तब मिली जब ब्रिटिश सेना ने यॉर्कटाउन में समर्पण कर शान्ति सन्धि पर 19 अक्टूबर, 1781 को 11:00 बजे हस्ताक्षर किए थे। इसे विद्वानों ने सही अर्थों में अमेरिकी स्वतन्त्रता माना है।
प्रस्तुत कुण्डली के अनुसार अमेरिका वर्तमान में शनि महादशा में बुध की अन्तर्दशा में शनि की प्रत्यन्तर्दशा के प्रभाव में है। महादशानाथ और अन्तर्दशानाथ दोनों ही मारक भावों के स्वामी हैं। प्रत्यन्तर्दशा भी मारकेश शनि की 02 फरवरी, 2020 से आरम्भ हुई है। इस दौरान जब गुरु-शनि की युति 30 मार्च को मकर राशि में हुई, तब से समस्या अनियन्त्रित हो गई। 29 मार्च को जहॉं इस बीमारी से 392 लोगों की मृत्यु हुई, तो वहीं 2 अप्रैल को यह आँकड़ा 1000 से अधिक प्रतिदिन हो गया। 7 दिन में गुरु-शनि की इस युति ने अमेरिका में मृत्यु का तांडव मचा दिया और प्रतिदिन लगभग 2000 लोग काल के मुँह में समा रहे हैं। गोचरीय युति जन्मकालिक चन्द्रमा से तृतीय भव में मंगल के ऊपर से है। इस प्रकार विपरीत दशा और गोचर के दौरान महामारी अनियन्त्रित होती जा रही है।
आगे क्या होगा? यह विचार करना आवश्यक है। 30 जून को गुरु वापस धनु राशि में आ रहे हैं और 7 जुलाई को बुध की अन्तर्दशा भी समाप्त हो रही है। इस प्रकार जुलाई के प्रथम सप्ताह के बाद राहत की उम्मीद की जा सकती है। सही अर्थों में राहत अक्टूबर के बाद से ही दिखाई दे रही है, जब दशा बेहतर आएगी।