मकर राशि
(भो, जा, जी, जू, खी, खू, खो, गा, गी)
मकर राशि वालों के लिए शनि का उनकी राशि में गोचर मध्य की साढ़ेसाती के रूप में रहेगा। शनि की मध्य की साढ़ेसाती शुभ फलप्रद नहीं होती है। इसके फलस्वरूप आपको शारीरिक एवं मानसिक समस्याओं के साथ-साथ गृहक्लेश एवं कॅरिअर से सम्बन्धित समस्याएँ भी परेशान कर सकती हैं।
स्वास्थ्य की दृष्टि से शनि का जन्मराशि के ऊपर से गोचर शुभ फलप्रद नहीं कहा जा सकता। किसी न किसी प्रकार की स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएँ परेशान कर सकती हैं। यदि पूर्व में आप किसी स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्या से पीड़ित हैं, तो उस सम्बन्ध में आपको सतर्कता रखने की आवश्यकता है। वाहनादि चलाते समय भी सावधानी रखने की आवश्यकता है।
पारिवारिक सुख की दृष्टि से यह गोचरावधि बहुत अनुकूल फलप्रद नहीं है। अनावश्यक गृहक्लेश बना रहेगा। किसी परिजन को लेकर भी चिन्ता रह सकती है। कुटुम्बियों से मनमुटाव, विवाद, मुकदमे आदि होने की भी आशंका रहेगी। विवाह के लिए इच्छुक युवक-युवतियों की इच्छाएँ पूर्ण होंगी। सन्तानोच्छुक दम्पतियों को भी शुभ समाचार प्राप्त होंगे, परन्तु प्रसवादि में कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। सामाजिक मान-प्रतिष्ठा की दृष्टि से समय बहुत अनुकूल नहीं है। इसलिए वाणी एवं व्यवहार की दृष्टि से संयम रखने की आवश्यकता है।
धन-सम्पत्ति की दृष्टि से शनि का जन्मराशि में गोचर शुभ फलदायक नहीं कहा जा सकता। खर्चों की अधिकता एवं आय में बाधाओं के चलते आर्थिक तनाव की स्थितियॉं उत्पन्न हो सकती हैं। ॠण आदि लेने के भी योग बन रहे हैं। भूमि-भवन आदि की बिक्री आदि की स्थितियॉं बन सकती हैं। इस गोचरावधि में धन के लेन-देन में सतर्कता रखने की आवश्यकता है। जोखिमपूर्ण धन निवेश से बचना चाहिए।
कॅरिअर की दृष्टि से यह गोचरावधि आपके लिए मिश्रित फलदायक है। नौकरी के प्रति असन्तोष का भाव उत्पन्न हो सकता है। कार्याधिक्य के चलते शारीरिक एवं मानसिक थकान का अनुभव हो सकता है।
व्यवसासियों के लिए इस गोचरावधि में सतर्कता रखनी चाहिए। व्यवसाय में जो चल रहा है, उसे ही चलाने का प्रयत्न करें। नया कुछ करने के लिए उपयुक्त समय नहीं है। साझेदारों से भी अच्छे सम्बन्ध रखने का प्रयास करें, क्योंकि उनसे तनाव होने के योग बन रहे हैं। इसी प्रकार उधार आदि भी अधिक न दें, अन्यथा इसके डूबने की आशंका है। ॠण आदि लेने में भी सतर्कता रखें। अनुत्पादक ॠणों से बचें तथा अत्यावश्यक होने पर ही ॠण लें। अभी आपका समय कुछ ऐसा चल रहा है, जिसके कारण ॠण के कुचक्र में आप फँस सकते हैं।
शिक्षा की दृष्टि से यह गोचरावधि मध्यम फलप्रद रहनी चाहिए। अध्ययन में बाधाएँ आने की आशंका है। इसलिए आपको योजना बनाकर नियमित अध्ययन करने का प्रयास करना चाहिए। भाग्य का भी सहारा पूर्णरूपेण प्राप्त नहीं हो रहा है, जिससे अपेक्षानुरूप परीक्षा परिणाम प्राप्त होने में कठिनाई होगी। प्रतियोगिता परीक्षार्थियों को भी अधिक मेहनत करने की आवश्यकता है।
राहतकारी उपाय : मकर राशि वालों के लिए शनि की अशुभता को कम करने के लिए निम्नलिखित उपाय करने चाहिए :
1. पॉंच कैरेट अथवा उससे अधिक वजन का नीलम रत्न अष्टधातु की अँगूठी में दाहिने हाथ की मध्यमा अंगुली में धारण करें।
2. ‘ॐ प्रां प्रीं प्रौं सं शनैश्चराय नम:’ मन्त्र की नित्य एक माला जप करनी चाहिए।
3. पीपल के पेड़ पर नित्य जल चढ़ाना चाहिए।
4. भगवान् शिव एवं हनूमान् जी की नित्य उपासना करें। मंगलवार एवं शनिवार को तुलसीकृत सुन्दरकाण्ड का पाठ करना चाहिए।
5. मांस-मदिरा का सेवन न करें तथा झूठ न बोलें।
6. रोगी एवं वृद्धों की सेवा करें।