कुम्भ राशि
(गू, गे, गो, सा, सि, सू, से, सो, दा)
कुम्भ राशि वालों के लिए शनि का मकर राशि में गोचर साढ़ेसाती की दस्तक देने वाला रहेगा। चूँकि साढ़ेसाती का आरम्भ हो रहा है, इसलिए आकस्मिक रूप से समस्याएँ आना, कार्यों में बाधाएँ उत्पन्न होना तथा शारीरिक एवं मानसिक परेशानी उत्पन्न होना जैसे सामान्य लक्षण दिखने की आशंका रहेगी। शनि के आते ही वह अपना प्रभाव तुरन्त दिखाता है। इस सम्बन्ध में सावधान रहने की आवश्यकता है। प्रत्येक क्षेत्र में सतर्क रहें और जोखिमपूर्ण कार्यों से बचना चाहिए।
स्वास्थ्य की दृष्टि से भी यह गोचरावधि सतर्कता की अपेक्षा रखती है। आकस्मिक रूप से नए-पुराने रोग बढ़ सकते हैं। कार्याधिक्य के कारण भी शारीरिक एवं मानसिक तनाव रह सकता है। इसलिए विशेषज्ञ डॉक्टर से ही इलाज करवाएँ। साथ ही, खानपान में भी सावधानी रखें। शनि की साढ़ेसाती के आरम्भ में दुर्घटना की भी आशंका रहती है। इसलिए वाहनादि चलाते समय सावधानी रखें। शनि पैर पर चोट देता है। इसलिए ऐसी सभी गतिविधियॉं जिनमें पैर पर चोट लगने की आशंका हो, उनमें सावधानी रखें।
पारिवारिक सुख की दृष्टि से यह गोचरावधि शुभ फलप्रद नहीं कही जा सकती। गृहक्लेश की अधिकता रहेगी। बिना कारण के वाद-विवाद उत्पन्न होना और पारस्परिक मतभेद उत्पन्न होना इस गोचरावधि का सामान्य लक्षण रहेगा। किसी परिजन का वियोग भी सम्भव है। घर के किसी सदस्य के स्वास्थ्य को लेकर भी चिन्ता उत्पन्न हो सकती है। विवाह के इच्छुक युवक-युवतियों को गोचरावधि के आरम्भ में विवाह में बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है, परन्तु उत्तरार्ध में स्थितियॉं कुछ हद तक अनुकूल होंगी, जिसमें प्रयास करने पर विवाह सम्भव है। सामाजिक मान-प्रतिष्ठा की दृष्टि से भी समय अनुकूल नहीं है। कहीं अपमान, अपयश आदि का भी घूँट पीना पड़ सकता है।
आर्थिक दृष्टि से शनि का मकर राशि में गोचर आपके लिए शुभ फलप्रद नहीं है। आकस्मिक खर्चों की अधिकता तथा अपव्यय के कारण धन का अभाव खटक सकता है। नियमित आय के स्रोतों में भी बाधाएँ उत्पन्न हो सकती हैं। ॠणादि लेने की स्थितियॉं उत्पन्न हो रही हैं। भूमि-भवन आदि के विक्रय के योग भी बन रहे हैं। आर्थिक लेन-देन में सावधानी रखने की आवश्यकता है, क्योंकि इस सम्बन्ध में धोखा आदि के योग भी बने हुए हैं।
कॅरिअर की दृष्टि से शनि की साढ़ेसाती का प्रारम्भ शुभ फलदायक नहीं होता। नौकरीपेशा वर्ग को स्थानान्तरण, नौकरी छूटना या अन्य प्रकार की शास्ति का सामना करना पड़ सकता है। अनपेक्षित समस्याएँ भी परेशान कर सकती हैं, जिससे नौकरी के प्रति असन्तोष उत्पन्न हो सकता है। कार्यालय में अपने दायित्वों एवं कार्यों के प्रति गम्भीरता बनाए रखें।
व्यवसायियों के लिए साढ़ेसाती का आरम्भ आकस्मिक कारणों से व्यवसाय में बाधा एवं लाभ में कमी करवाता है। इसलिए इन क्षेत्रों में आपको विशेष सावधानी रखने की आवश्यकता है। व्यावसायिक मन्दी एवं धनाभाव के चलते व्यवसाय बदलने की भी सोच सकते हैं।