America’s Kovid-19 Crisis and Astrology

अमेरिका का कोविड-19 संकट और ज्योतिष (America’s Kovid-19 Crisis and Astrology) शायद ही किसी ने अनुमान लगाया हो कि संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे शक्तिशाली, धनवान् और विकसित देश में किसी महामारी से केवल 2 महीने में 93000 से अधिक मौतें हो सकती हैं। पूरा देश-प्रशासन सभी इस कोविड-19 महामारी (KOVID-19 Mahamari) के समक्ष पस्त हो […]

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June-2020

BUY NOW ज्योतिष 08 कोरोना वायरस और ज्योतिष (भाग-3) 14 फलित ज्योतिष : ‘शनि की वापसी’ कभी उन्नतिकारक कभी मृत्युकारक 16 कालसर्पयोग : कैसे और किस तरह के कष्टों का प्रदाता? 18 फलित ज्योतिष : नीचभंग राजयोग : संघर्षों से कामयाबी दिलाते हैं 21 सत्यकथा : पॉंच सन्तानों का प्रयास फिर भी नि:सन्तान 22 फलित […]

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May-2020

ज्योतिष 08 कोरोना वायरस और ज्योतिष 10 कोविड-19 : महासंकट की समाप्ति कब तक? 12 ‘ज्योतिष सागर’ ने दिए थे इस महासंकट के संकेत 20 कॅरिअर ज्योतिष : शनि निर्धारित करेंगे आप नौकरी करेंगे या कराएँगे 24 वैवाहिक सुख का नाश करते मूल संज्ञक नक्षत्र एवं बुध ग्रह 27 फलित ज्योतिष : केतु का मोक्ष […]

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April-2020

खोज-खबर 08 क्या मूँगा रत्न समाप्त हो जाएगा? 08 कोरोना वायरस और नास्त्रेदमस! 09 29 अप्रैल, 2020 को पृथ्वी पर होगा महाविनाश? 10 स्वामी विवेकानन्द का ‘प्लेग मैनिफेस्टो’ कोरोना वायरस जैसी महामारी पर आज भी प्रासंगिक है 12 अयोध्या में कैसा बनेगा राम लला का मन्दिर? मार्गदर्शन 16 मार्गदर्शन : चामत्कारिक होते हैं रामचरितमानस के […]

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February-2020

खोज-खबर 08 स्वयं गंगा मैया करती है शिवलिंग का जलाभिषेक! 08 दिन में तीन बार रंग बदलता है शिवलिंग! 09 सागर की गोद में चला जाता है शिव मन्दिर! मंगलदोष पर विशेष 15 कौन है ‘मंगली’? 17 क्या होता है मंगलदोष से? 21 कौन नहीं है ‘मंगली’? 22 कैसे करें मंगलदोष का मिलान? 26 मंगली […]

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कोरोना वायरस और ज्योतिष (भाग-3)

इस लेख का प्रथम भाग ‘ज्योतिष सागर’ के अप्रैल अंक में तथा दूसरा भाग मई अंक में प्रकाशित हुआ है| उससे आगे यहॉं प्रस्तुत है| कोविड-19 के सम्बन्ध में दिन-प्रतिदिन हमारी जानकारी समृद्ध हो रही है| वैज्ञानिकों का अब यह भी कहना है कि कोरोना वायरस जहॉं श्‍वसनतन्त्र एवं फेफड़ों को प्रमुख रूप से प्रभावित […]

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गुरु-चाण्डाल योग और धनु का गुरु

गुरु के अशुभ योगों में गुरु- चाण्डालयोग की गणना प्रमुखता से होती है। राहु के साथ गुरु की युति गुरु-चाण्डाल योग कहलाती है। यह युति अंशात्मक रूप से जितनी समीप होती है, उतना ही गुरु दूषित होकर अशुभफलदायक हो जाता है। सामान्यत: गुरु-चाण्डाल योग लग्न, तृतीय, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम एवं द्वादश भाव में तुलनात्मक रूप […]

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जन्मकालिक धनु राशिस्थ गुरु और गोचर में धनु का गुरु

जन्मकालिक गुरु के ऊपर से गुरु का गोचर जीवन में महत्त्वपूर्ण परिवर्तनकारी सिद्ध होता है। यह परिवर्तन अच्छा भी हो सकता है और बुरा भी हो सकता है। अच्छा होने पर जातक को फर्श से अर्श तक पहुँचा देता है, वहीं दूसरी ओर बुरा होने पर अर्श से फर्श तक ला गिरा देता है। इसलिए […]

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