किस तिथि को हुआ रावण का वध?

धर्म-उपासना

आश्‍विन शु. 10 •
आश्‍विन शु. 09 •
वैशाख कृष्ण 30 •
वैशाख कृष्ण 14
सामान्यत: यह माना जाता है कि आश्‍विन शुक्ल दशमी को रावण का वध हुआ था, परन्तु शास्त्रों और विद्वानों के द्वारा इस तिथि को रावण वध के रूप में मान्यता नहीं दी जाती है| रावण वध की तिथियों के निर्धारण में मुख्यत: तीन मत प्रचलित हैं :
1. अब्दरामायण का मत
2. बी.एच. वाडेर का मत
3. राधाकृष्ण मिश्र का मत
गिरिधर कृत ‘अब्दरामायण’ में भगवान् राम के जीवन के सम्बन्ध में तिथियों का उल्लेख मिलता है| इस रामायण के अनुसार माघशुक्ल सप्तमी को युद्ध का आरम्भ हुआ था| चैत्रशुक्ल द्वादशी से वैशाख चतुर्दशी के मध्य श्रीराम और रावण का युद्ध हुआ था| इस प्रकार यह युद्ध 18 दिन तक चला था| वैशाख कृष्ण अमावस्या को रावण का वध हुआ था|
बी.एच. वाडेर ने ‘अग्निवेश्यरामायण’ और ‘लोमशरामचरित’ के आधार पर माघशुक्ल द्वितीया से युद्ध का आरम्भ माना है| वाडेर के मतानुसार चैत्र कृष्ण अमावस्या को रावण ने राजधानी से युद्ध के लिए प्रस्थान किया था| राम और रावण के मध्य चैत्र शुक्ल द्वादशी से वैशाख कृष्ण चतुर्दशी के मध्य 18 दिन का भीषण युद्ध हुआ था और वैशाख कृष्ण चतुर्दशी को रावण का वध हुआ था|
राधाकृष्ण मिश्र ने ‘वाल्मीकि रामायण’, ‘कालिका पुराण’ आदि के आधार पर युद्ध के आरम्भ की तिथि भाद्रशुक्ल प्रतिपदा निर्धारित की है| उनके अनुसार आश्‍विन कृष्ण अमावस्या से आश्‍विन शुक्ल नवमी तक 10 दिन का घोर संग्राम राम और रावण के मध्य हुआ था| आश्‍विन शुक्ल नवमी को भगवान् राम ने रावण का वध किया था| उनकी मान्यता है कि सम्भवत: नवमी को रावण का वध देर रात में हुआ होगा| दशमी के दिन इसका विजयोत्सव मनाया गया होगा, तभी से आश्‍विन शुक्ल दशमी को विजयादशमी के नाम से जाना जाता है| उपर्युक्त तीनों ही मत अपने-अपने प्रमाणों से आंशिक रूप से सत्य प्रतीत होते हैं| इस प्रकार रावण वध की चार तिथियॉं उल्लिखित हैं :
1. आश्‍विन शुक्ल दशमी जो कि जनसामान्य में सर्वाधिक प्रचलित है|
2. आश्‍विन शुक्ल नवमी जो कालिकापुराण के अनुसार राधाकृष्ण मिश्र ने निर्धारित की है|
3. वैशाख कृष्ण अमावस्या जो कि गिरिधर कृत अब्दरामायण में उल्लिखित है|
4. वैशाख कृष्ण चतुर्दशी जो कि वाडेर द्वारा अग्निवेश्यरामायण और लोमशरामचरित के आधार पर निर्धारित की गई है|•

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