वृषभ (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वि, वु, वे, वो)
वृषभ राशि वालों के लिए गुरु का धनु राशि में गोचर जन्मराशि से अष्टम भाव में रहेगा। अष्टम भाव में गुरु का गोचर सामान्यत: शुभफलप्रद नहीं माना जाता। यह स्वास्थ्य आदि की दृष्टि से भी सावधानी रखने योग्य है। लिवर, पित्ताशय, पित्त की नली, किडनी एवं उदर से सम्बन्धित रोग होने की आशंका रहेगी। साथ ही पीलिया, ज्वर एवं आकस्मिक रोगों के प्रति भी सावधान रहने की आवश्यकता है। खानपान में सावधानी रखनी चाहिए। पहले से चली आ रही बीमारियों के सन्दर्भ में चैकअप एवं डॉक्टरी सलाह के अनुसार चलना चाहिए। वाहनादि चलाते समय भी सावधानी रखें। पारिवारिक मामलों में भी इस अवधि में परेशानी हो सकती है। गृह-क्लेश बढ़ सकते हैं। परिजनों से दूर रहने की परिस्थितियॉं बन सकती हैं। अपमान एवं अपयश की परिस्थितियॉं उत्पन्न हो सकती हैं। विचारों में नकारात्मकता एवं नास्तिकता आदि भी आ सकती है। राहत के लिए ज्योतिषीय एवं धार्मिक उपाय करने चाहिए। नौकरी एवं व्यवसाय में भी सावधानी रखने की आवश्यकता है। ट्रांसफर एवं उच्चाधिकरियों से परेशानी जैसे फल प्राप्त हो सकते हैं। व्यवसायियों को भी उधार आदि देने से बचना चाहिए। भुगतान अटकने की आशंका है। खर्चों पर नियन्त्रण रखें और जोखिमपूर्ण निवेश न करें।