कन्या
(टो, पा, पी, पू, ष, णा, ठ, पे, पो)
कन्या राशि वालों के लिए गुरु का धनु राशि में गोचर उनकी जन्मराशि से चतुर्थ भाव में रहेगा। चतुर्थ भाव में गुरु का गोचर सामान्यत: औसत शुभफलदायक होता है। कुछ क्षेत्रों में इसके शुभफल प्राप्त होते हैं, तो कतिपय अन्य क्षेत्रों में यह अशुभफलप्रद भी होता है। विवाह और कॅरिअर की दृष्टि से शुभफलों की प्राप्ति होगी, वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य, सम्पत्ति एवं पारिवारिक सुख की दृष्टि से विपरीत फल भी प्राप्त हो सकते हैं। दीर्घकालिक रोगियों को इस दौरान सावधानी रखने की आवश्यकता हैं। हृदय, छाती, गले एवं उदर से सम्बन्धित रोगों में लापरवाही न बरतें। खान-पान का ध्यान रखना चाहिए। पारिवारिक समस्याओं में वृद्धि हो सकती है। किसी परिजन से सम्बन्धित चिन्ता रह सकती है। उनके स्वास्थ्य का भी ध्यान रखने की आवश्यकता है। समाज एवं रिश्तेदारों के मध्य अपेक्षानुरूप सम्मान एवं महत्त्व न मिलने से मानसिक अशान्ति रह सकती है। यदि आप सामाजिक संगठनों में सक्रिय हैं, तो वहॉं की राजनीति आपको परेशान कर सकती है। आर्थिक दृष्टि से गुरु का यह गोचर अनुकूल फलप्रद नहीं है। खर्चों में वृद्धि सम्भव है। साथ ही साथ आय में कमी या बाधा का भी अनुभव हो सकता है। नौकरी एवं व्यवसाय दोनों ही क्षेत्रों में गुरु का यह गोचर मध्यम फलप्रद रहना चाहिए। इन दिनों कार्यालय में कार्य की अधिकता रह सकती है। सहकर्मियों एवं उच्चाधिकारियों के व्यवहार से भी आप परेशान हो सकते हैं। व्यवसायियों को भी सरकारी नियमों एवं कानूनों का पालन करना चाहिए। उनके उल्लंघन से बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है।