दीपावली का पंचदिवसात्मक त्योहार हिन्दू धर्म का सबसे महत्त्वपूर्ण त्योहार है| एक मात्र यही त्योहार है, जो एक, दो नहीं, बल्कि पॉंच दिन तक मनाया जाता है| इस दिन समुद्र से लक्ष्मी का प्रादुर्भाव हुआ था, अत: धनसमृद्धि से सम्बन्धित किसी भी तरह के उपाय इस दिन करने से निश्चित रूप से धनसम्पन्नता प्राप्त होती है| वैसे तो लक्ष्मी देवी एवं अन्य देवी-देवताओं के धनसम्बन्धी उपाय दीपावली के पंचदिवसों में विशेष रूप से किए जाते हैं, परन्तु जिस नक्षत्र में आपका जन्म हुआ है, उस नक्षत्र के स्वामी देवता तथा स्वामी ग्रह से सम्बन्धित उपाय किए जाएँ, तो व्यक्ति को सभी क्षेत्रों में उन्नति के साथ निश्चित रूप से धनसमृद्धि भी प्राप्त होगी| यदि आपको अपने जन्म नक्षत्र का ज्ञान नहीं है, तो अपने नाम के अक्षर वाले नक्षत्र से सम्बन्धित उपायों से भी आपकी आर्थिक उन्नति निश्चित है|
1. अश्विनी नक्षत्र (चू, चे, चो, ला)
अश्विनी नक्षत्र में किसी व्यक्ति का जन्म हो अथवा उक्त नामाक्षरों में से किसी पर नाम हो, तो निम्नलिखित उपाय द्वारा धनलाभ होता है :
1. तीनमुखी तथा नौमुखी रुद्राक्ष की दीपावली के दिन पूजा करके धारण करें|
2. अनन्तमूल तथा असगन्ध की जड़ एवं लाल चन्दन का दीपावली के दिन पूजन करके उन्हें धारण करें|
3. बगलामुखी तथा धूमावती देवी के 108 नामों का पाठ दीपावली से प्रारम्भ करते हुए नित्य करें|
4. ॐ अशिवनातेजसा चक्षु: प्राणेन सरस्वती वीर्यम्| वाचेन्द्रो बलेन्द्राय दधुरिन्द्रियम्॥
उक्त मन्त्र दीपावली से प्रारम्भ करते हुए नित्य एक माला जप करें|
2. भरणी नक्षत्र (ली, लु, ले, लो)
भरणी नक्षत्र में किसी व्यक्ति का जन्म हो अथवा उक्त नामाक्षरों में से किसी पर नाम होने पर निम्नलिखित उपाय द्वारा धनलाभ होता है :
1. तीनमुखी तथा छहमुखी रुद्राक्ष की दीपावली के दिन पूजा करके उन्हें धारण करें|
2. सरपौंखा एवं अनन्तमूल की जड़ तथा लाल चन्दन का दीपावली के दिन पूजा करके उन्हें धारण करें|
3. बगलामुखी तथा भुवनेश्वरी देवी के 108 नामों का जप दीपावली से प्रारम्भ करते हुए नित्य करें|
4. ॐ यमायत्वा मखायत्वा सूर्यस्यत्वा तपसे देवस्त्वा सविता मध्यानक्तु पृथिव्या:|
सलस्पृशास्पाहि अर्चिरसि शोचिरसि तपोसि॥
उक्त मन्त्र का दीपावली से प्रारम्भ करते हुए नित्य एक माला जप करें|
3. कृत्तिका नक्षत्र (आ, ई, ऊ, ए)
कृत्तिका नक्षत्र में किसी व्यक्ति का जन्म हो अथवा उक्त नामाक्षरों में से किसी पर नाम होने पर निम्नलिखित उपाय द्वारा धनलाभ होता है :
1. एकमुखी, तीनमुखी तथा छहमुखी रुद्राक्ष की दीपावली के दिन पूजा करके उन्हें धारण करें|
2. बिल्व तथा सरपौंखा की जड़ तथा लाल चन्दन का दीपावली के दिन पूजन करके उन्हें धारण करें|
3. बालात्रिपुरसुन्दरी, बगलामुखी तथा भुवनेश्वरी देवी के 108 नामों का जप दीपावली से प्रारम्भ करते हुए नित्य करें|
4. ॐ अयमग्नि: सहस्रिणी वाजस्य शतिनस्पति:| मूर्द्धाकवी रयीणाम्|
उक्त मन्त्र का दीपावली से प्रारम्भ करते हुए नित्य एक माला जप करें|
4. रोहिणी नक्षत्र (ओ, वा, वि, वू)
रोहिणी नक्षत्र में किसी व्यक्ति का जन्म हो अथवा उक्त नामाक्षरों में से किसी पर नाम हो, तो निम्नलिखित उपाय द्वारा धनलाभ होता है :
1. दोमुखी तथा छहमुखी रुद्राक्ष की दीपावली के दिन पूजा करके उन्हें धारण करें|
2. खिरनी तथा सरपौंखा की जड़ का दीपावली के दिन पूजा करके उन्हें धारण करें|
3. कमला एवं भुवनेश्वरी देवी के 108 नामों का पाठ दीपावली से प्रारम्भ करते हुए नित्य करें|
4. ॐ ब्रह्मजज्ञानं प्रथमं पुरस्ताद्विसीमत: सुरुचोनेन आन: सुबुध्न्या उपमा अस्य विष्ठा: सतश्चेयोनिमसतश्चविव:॥
उक्त मन्त्र का दीपावली से प्रारम्भ करते हुए नित्य एक माला जप करें|
5. मृगशिरा नक्षत्र (वे, वो, का, की)
मृगशिरा नक्षत्र में किसी व्यक्ति का जन्म हो अथवा उक्त नामाक्षरों में से किसी पर नाम हो, तो निम्नलिखित उपाय द्वारा धनलाभ होता है :
1. तीनमुखी, चारमुखी तथा छहमुखी रुद्राक्ष की दीपावली के दिन पूजा करके उन्हें धारण करें|
2. विधारा एवं सरपौंखा की जड़ तथा लाल चन्दन का दीपावली के दिन पूजन करके उन्हें धारण करें|
3. बगलामुखी, मातंगी तथा भुवनेश्वरी देवी के 108 नामों का जप दीपावली से प्रारम्भ करते हुए नित्य करें|
4. ॐ सोमोधेनुल सोमोऽर्वन्तमाशु ल सोमोवींकर्मण्यददाति|
सादन्यं विदथ्यऽसभेयं पितृश्रावणं योददाश दस्मै॥
उक्त मन्त्र का जप दीपावली से प्रारम्भ करते हुए नित्य एक माला जप करें|
6. आर्द्रा नक्षत्र (कू, घ, ङ, छ)
आर्द्रा नक्षत्र में किसी व्यक्ति का जन्म हो अथवा उक्त नामाक्षरों में से किसी पर नाम हो, तो निम्नलिखित उपाय द्वारा धनलाभ होता है :
1. चारमुखी तथा आठमुखी रुद्राक्ष की दीपावली के दिन पूजा करके उन्हें धारण करें|
2. विधारा की जड़ तथा सफेद चन्दन का दीपावली के दिन पूजन करके उन्हें धारण करें|
3. मातंगी तथा छिन्नमस्ता देवी के 108 नामों का पाठ दीपावली से प्रारम्भ करते हुए नित्य करें|
4. ॐ नमस्ते रुद्रमन्यवऽउतोतऽइषवेनम:| बाहुभ्यामुतते नम:॥
उक्त मन्त्र का जप दीपावली से प्रारम्भ करते हुए नित्य एक माला जप करें|
7. पुनर्वसु नक्षत्र (के, को, हा, ही)
पुनर्वसु नक्षत्र में किसी व्यक्ति का जन्म हो अथवा उक्त नामाक्षरों में से किसी पर नाम हो, तो निम्नलिखित उपाय द्वारा धनलाभ होता है :
1. दोमुखी, चारमुखी तथा पॉंचमुखी रुद्राक्ष की दीपावली के दिन पूजन करके उन्हें धारण करें|
2. खिरणी की जड़, विधारा की जड़ तथा हल्दी की दीपावली के दिन पूजन करके उन्हें धारण करें|
3. कमला, मातंगी तथा तारा देवी के 108 नामों का जप दीपावली से प्रारम्भ करते हुए नित्य करें|
4. ॐ अदिति र्द्यौरदितिरंतरिक्षमदितिर्माता सपिता सपुत्र:|
विश्वेदेवा अदिति: पंचजनाऽदितिर्जातमदिति र्जनित्वम्॥
उक्त मन्त्र का दीपावली से प्रारम्भ करते हुए नित्य एक माला जप करें|
8. पुष्य नक्षत्र (हू, हे, हो, डा)
पुष्य नक्षत्र में किसी व्यक्ति का जन्म होने अथवा उक्त नामाक्षरों में से किसी पर नाम होने पर निम्नलिखित उपाय द्वारा धनलाभ होता है :
1. दोमुखी तथा सातमुखी रुद्राक्ष की दीपावली के दिन पूजा करके उन्हें धारण करें|
2. खिरनी की जड़ तथा बिछुआ की जड़ को दीपावली के दिन पूजा करके धारण करें|
3. कमला तथा महाकाली देवी के 108 नामों का जप दीपावली से प्रारम्भ करते हुए नित्य करें|
4. ॐ वाचस्पतये पवस्व विष्णोऽपवस्व विष्णोऽअ ल शुभयांगभस्ति पूत:|
देवो देवेभ्य पवस्वयेषां भागोसि॥
उक्त मन्त्र का दीपावली से प्रारम्भ करते हुए नित्य एक माला जप करें|
9. आश्लेषा नक्षत्र (डी, डू, डे, डो)
आश्लेषा नक्षत्र में किसी व्यक्ति का जन्म हो अथवा उक्त नामाक्षरों में से किसी पर नाम हो, तो निम्नलिखित उपाय द्वारा धनलाभ होता है :
1. दोमुखी तथा चारमुखी रुद्राक्ष की दीपावली के दिन पूजा करके धारण करें|
2. खिरनी की जड़ तथा विधारा की जड़ तथा हल्दी की दीपावली के दिन पूजा करके उन्हें धारण करें|
3. कमला तथा मातंगी देवी के 108 नामों का जप दीपावली से प्रारम्भ करते हुए नित्य करें|
4. ॐ नमोस्तु सर्पेभ्यो येके च पृथिवीमनु|
येऽअंतरिक्षे ये दिवितेभ्य: सर्पेभ्यो नम:॥
उक्त मन्त्र का जप दीपावली से प्रारम्भ करते हुए नित्य एक माला करें|
10. मघा नक्षत्र (मा, मी, मू, मे)
मघा नक्षत्र में किसी व्यक्ति का जन्म हो अथवा उक्त नामाक्षरों में से किसी पर नाम हो, तो निम्नलिखित उपाय द्वारा धनलाभ होता है :
1. एकमुखी तथा नौमुखी रुद्राक्ष की दीपावली के दिन पूजा करके धारण करें|
2. बिल्व तथा असगन्ध की जड़ का दीपावली के दिन पूजा करके धारण करें|
3. बालात्रिपुरसुन्दरी तथा धूमावती देवी के 108 नामों का पाठ दीपावली से प्रारम्भ करते हुए नित्य करें|
4. पितृभ्य: स्वधायिभ्य स्वधा नम:| पितामहेभ्य: स्वधायिभ्य: स्वधानम:| प्रपितामहेभ्य: स्वधायिभ्य: स्वधानम्| अक्षन्नपितरो मीमदंत पितरोतीतृपंत पितर: पितर: शुंधध्वम्॥
उक्त मन्त्र का जप दीपावली से प्रारम्भ करते हुए नित्य एक माला जप करें|
11. पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र (मो, टा, टी, टू)
पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में किसी व्यक्ति का जन्म हो अथवा उक्त नामाक्षरों में से किसी पर नाम हो, तो निम्नलिखित उपाय द्वारा धनलाभ होता है :
1. एकमुखी तथा छहमुखी रुद्राक्ष की दीपावली के दिन पूजा करके धारण करें|
2. श्वेतार्क तथा सरपौंखा की जड़ की दीपावली के दिन पूजा करके धारण करें|
3. बालात्रिपुरसुन्दरी तथा भुवनेश्वरी देवी के 108 नामों का पाठ दीपावली से प्रारम्भ करते हुए नित्य करें|
4. ॐ भणप्रणेत र्भग सत्यराधो भगेमां धियमुदवाददन्न:|
भग प्रणो जनय गोभिरश्वै र्भग प्रन्नृभिर्नृवंत: स्याम॥
उक्त मन्त्र का जप दीपावली से प्रारम्भ करते हुए नित्य एक माला जप करें|
12. उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र (टे, टो, पा, पी)
उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में किसी व्यक्ति का जन्म हो अथवा उक्त नामाक्षरों में से किसी पर नाम हो, तो पर निम्नलिखित उपाय द्वारा धनलाभ होता है :
1. एकमुखी तथा चारमुखी रुद्राक्ष की दीपावली के दिन पूजा करके धारण करें|
2. श्वेतार्क तथा विधारा की जड़ की दीपावली के दिन पूजा करके धारण करें|
3. बालात्रिपुरसुन्दरी तथा मातंगी देवी के 108 नामों का पाठ दीपावली से प्रारम्भ करते हुए नित्य करें|
4. ॐ दैव्यावध्वर्यू ऽआगत रथेन सूर्य त्वचा मध्वायज्ञ लसमंजाये| तम्प्रक्त्त्नथा यं वेनश्चित्रन्देवानाम्॥
उक्त मन्त्र का जप दीपावली से प्रारम्भ करते हुए नित्य एक माला जप करें|
13. हस्त नक्षत्र (पू, ष, ण, ठ)
हस्त नक्षत्र में किसी व्यक्ति का जन्म हो अथवा उक्त नामाक्षरों में से किसी पर नाम होने पर निम्नलिखित उपाय द्वारा धनलाभ होता है :
1. दोमुखी तथा चारमुखी रुद्राक्ष की दीपावली के दिन पूजा करके उन्हें धारण करें|
2. खिरनी तथा बिधारा की जड़ का दीपावली के दिन पूजा करके उन्हें धारण करें|
3. कमला तथा मातंगी देवी के 108 नामों का पाठ दीपावली से प्रारम्भ करते हुए नित्य करें|
4. ॐ विभ्राड् बृहत्पिबतु सोम्यं मध्वायुर्दधद्यज्ञपत्ताव विह्रुतमम्|
वातजूतो यो अभिरक्षतित्मना प्रजा: पुपोष पुरुधा विराजति॥
उक्त मन्त्र का जप दीपावली से प्रारम्भ करते हुए नित्य एक माला जप करें|
14. चित्रा नक्षत्र (पे, पो, रा, री)
चित्रा नक्षत्र में किसी व्यक्ति का जन्म हो अथवा उक्त नामाक्षरों में से किसी पर नाम हो, तो निम्नलिखित उपाय द्वारा धनलाभ होता है :
1. तीनमुखी, चारमुखी तथा छहमुखी रुद्राक्ष को दीपावली के दिन पूजा करके धारण करें|
2. बिधारा, सरपौंखा की जड़ तथा लाल चन्दन को दीपावली के दिन पूजा करके धारण करें|
3. बगलामुखी, मातंगी तथा भुवनेश्वरी देवी के 108 नामों का पाठ दीपावली से प्रारम्भ करते हुए नित्य करें|
4. ॐ त्वष्टातुरीपो ऽअद्भुत इंद्राग्नी पुष्टिवर्द्धना|
द्विपदाच्छन्द ऽइंद्रियमुक्षा गौर्नवयोदधु:॥
उक्त मन्त्र का जप दीपावली से प्रारम्भ करते हुए नित्य एक माला जप करें|
15. स्वाति नक्षत्र (रू, रे, रो, ता)
स्वाति नक्षत्र में किसी व्यक्ति का जन्म हो अथवा उक्त नामाक्षरों में से किसी पर नाम हो, तो निम्नलिखित उपाय द्वारा धनलाभ होता है :
1. छहमुखी तथा आठमुखी रुद्राक्ष को दीपावली के दिन पूजा करके धारण करें|
2. सरपौंखा की जड़ तथा सफेद चन्दन का दीपावली के दिन पूजा करके उन्हें धारण करें|
3. भुवनेश्वरी तथा छिन्नमस्ता देवी के 108 नामों का पाठ दीपावली से प्रारम्भ करते हुए नित्य करें|
4. ॐ पीवोऽअन्नालरयिवृध: सुमेधा श्वेत: सिषक्ति नियुक्ततामभि श्री:| ते वायवेसमनसो वितस्थुर्विश्वेनर: स्वपत्यानि चक्रु:॥
उक्त मन्त्र का जप दीपावली से प्रारम्भ करते हुए नित्य एक माला जप करें|
16. विशाखा नक्षत्र (ती, तू, ते, तो)
विशाखा नक्षत्र में किसी व्यक्ति का जन्म हो अथवा उक्त नामाक्षरों में से किसी पर नाम हो, तो निम्नलिखित उपाय द्वारा धनलाभ होता है :
1. तीनमुखी, पॉंचमुखी तथा छहमुखी रुद्राक्ष को दीपावली के दिन पूजा करके धारण करें|
2. केले की जड़, सरपौंखा की जड़ तथा लाल चन्दन को दीपावली के दिन पूजा करके धारण करें|
3. बगलामुखी, तारा तथा भुवनेश्वरी देवी के 108 नामों का पाठ दीपावली से प्रारम्भ करते हुए नित्य करें|
4. ॐ इन्द्राग्नी ऽआगत लसुतङ्गीभिर्न्नभो वरेण्यम्|
अस्य पातंधियेषिता॥
उक्त मन्त्र का दीपावली से प्रारम्भ करते हुए नित्य एक माला जप करें|
17. अनुराधा नक्षत्र (ना, नी, नू, ने)
अनुराधा नक्षत्र में किसी व्यक्ति का जन्म हो अथवा उक्त नामाक्षरों में से किसी पर नाम हो, तो निम्नलिखित उपाय द्वारा धनलाभ होता है :
1. तीनमुखी तथा सातमुखी रुद्राक्ष को दीपावली के दिन पूजा करके धारण करें|
2. अनन्तमूल तथा बिछुवा की जड़ का दीपावली के दिन पूजा करके उन्हें धारण करें|
3. बगलामुखी तथा महाकाली देवी के 108 नामों का जप दीपावली से प्रारम्भ करते हुए नित्य करें|
4. ॐ नमो मित्रस्य वरुणस्य चक्षसे महोदेवाय तदृत लसपर्यत|
दूरे दृशे देव जातायकेतवे दिवस्पुत्राय सूर्यायश लसत॥
उक्त मन्त्र का जप दीपावली से प्रारम्भ करते हुए नित्य एक माला जप करें|
18. ज्येष्ठा नक्षत्र (नो, या, यी, यू)
नक्षत्र में किसी व्यक्ति का जन्म हो अथवा उक्त नामाक्षरों में से किसी पर नाम हो, तो निम्नलिखित उपाय द्वारा धनलाभ होता है :
1. तीनमुखी तथा चारमुखी रुद्राक्ष की दीपावली के दिन पूजा करके उन्हें धारण करें|
2. अनन्तमूल तथा विधारा की जड़ का दीपावली के दिन पूजा करके उन्हें धारण करें|
3. बगलामुखी तथा मातंगी देवी के 108 नामों का पाठ दीपावली से प्रारम्भ करते हुए नित्य करें|
4. ॐ सइषु हस्तै: निषङ्गिभिर्वशीष स्रष्टा सयुध ऽइन्द्रोगणेन|
स लसृष्टजित्सोमपाबाहुशद्धर्युग्र धन्वाप्रतिहिताभिरस्ता॥
उक्त मन्त्र का दीपावली से प्रारम्भ करते हुए नित्य एक माला जप करें|
19. मूल नक्षत्र (ये, यो, भा, भी)
मूल नक्षत्र में किसी व्यक्ति का जन्म हो अथवा उक्त नामाक्षरों में से किसी पर नाम हो, तो निम्नलिखित उपाय द्वारा धनलाभ होता है :
1. पॉंचमुखी तथा नौमुखी रुद्राक्ष को दीपावली के दिन पूजा करके धारण करें|
2. केले की जड़ तथा असगंध की जड़ की दीपावली के दिन पूजा करके धारण करें|
3. तारा तथा धूमावती देवी के 108 नामों का पाठ दीपावली से प्रारम्भ करते हुए नित्य करें|
4. ॐ मातेव पुत्रं पृथिवी पुरीष्य मग्नि लस्वेतयोनावभारुषा|
तांविश्वैर्देवै र्ॠतुभि: संविदान: प्रजापतिर्विश्वकर्मा विमुञ्चतु॥
उक्त मन्त्र का दीपावली से प्रारम्भ करते हुए नित्य एक माला जप करें|
20. पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र (भु, धा, फ, ढा)
पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में किसी व्यक्ति का जन्म हो अथवा उक्त नामाक्षरों में से किसी पर नाम हो, तो निम्नलिखित उपाय द्वारा धनलाभ होता है :
1. पॉंच तथा छहमुखी रुद्राक्ष की दीपावली के दिन पूजा करके उन्हें धारण करें|
2. केले तथा सरपौंखा की जड़ का दीपावली के दिन पूजा करके उन्हें धारण करें|
3. तारा तथा भुवनेश्वरी देवी के 108 नामों का पाठ दीपावली से प्रारम्भ करते हुए नित्य करें|
4. ॐ अपाघमप किल्विषमप कृत्यमपोरप:|
अपामार्ग त्वमस्मदपदु:स्वप्न्य लसुव॥
उक्त मन्त्र का दीपावली से प्रारम्भ करते हुए नित्य एक माला जप करें|
21. उत्तराषाढ़ा नक्षत्र (भे, भो, जा, जी,जू, जे, जो)
उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में किसी व्यक्ति का जन्म हो अथवा उक्त नामाक्षरों में से किसी पर नाम हो, तो पर निम्नलिखित उपाय द्वारा धनलाभ होता है :
1. एकमुखी, पॉंचमुखी तथा सातमुखी रुद्राक्ष की दीपावली के दिन पूजा करके उन्हें धारण करें|
2. बिल्व तथा बिछुवा की जड़ एवं हल्दी का दीपावली के दिन पूजा करके उन्हें धारण करें|
3. बालात्रिपुरसुन्दरी, तारा तथा महाकाली देवी के 108 नामों का पाठ दीपावली से प्रारम्भ करते हुए नित्य करें|
4. ॐ विश्वेऽअद्यमरुतो विश्वऊती विश्वेभवन्त्वग्नय: समिद्धा:
विश्वेनोदेवाऽअवसा गमंतु विश्वमस्तु द्रविणं वाजो अस्मे ॥
उक्त मन्त्र का दीपावली से प्रारम्भ करते हुए नित्य एक माला जप करें|
22. श्रवण नक्षत्र (खा, खी, खू, खे, खो)
श्रवण नक्षत्र में किसी व्यक्ति का जन्म हो अथवा उक्त नामाक्षरों में से किसी पर नाम हो, तो निम्नलिखित उपाय द्वारा धनलाभ होता है :
1. दोमुखी तथा सातमुखी रुद्राक्ष की दीपावली के दिन पूजा करके उन्हें धारण करें|
2. खिरनी तथा बिछुआ की जड़ का दीपावली के दिन पूजा करके उन्हें धारण करें|
3. कमला तथा महाकाली देवी के 108 नामों का पाठ दीपावली से प्रारम्भ करते हुए नित्य करें|
4. ॐ इदं विष्णुर्विचक्र मे त्रेधा निदधेपदम्|
समूढमस्यपा लसुरे स्वाहा॥
उक्त मन्त्र का दीपावली से प्रारम्भ करते हुए नित्य एक माला जप करें|
23. धनिष्ठा नक्षत्र (गा, गी, गू, गे)
धनिष्ठा नक्षत्र में किसी व्यक्ति का जन्म हो अथवा उक्त नामाक्षरों में से किसी पर नाम हो, तो निम्नलिखित उपाय द्वारा धनलाभ होता है :
1. तीनमुखी तथा सातमुखी रुद्राक्ष की दीपावली के दिन पूजा करके उन्हें धारण करें|
2. अनन्तमूल तथा बिछुआ की जड़ का दीपावली के दिन पूजा करके उन्हें धारण करें|
3. बगलामुखी तथा महाकाली के 108 नामों का पाठ दीपावली से प्रारम्भ करते हुए नित्य करें|
4. ॐ वसो: पवित्रमसि शतधारं वसो: पवित्रमसि सहस्रधारम्|
देवास्त्वा सविता पुनातु वसो: पवित्रेण
शतधारेण सुप्वाकामधुक्ष:॥
उक्त मन्त्र का दीपावली से प्रारम्भ करते हुए नित्य एक माला जप करें|
24. शतभिषा नक्षत्र (गो, सा, सी, सू)
शतभिषा नक्षत्र में किसी व्यक्ति का जन्म हो अथवा उक्त नामाक्षरों में से किसी पर नाम हो, तो निम्नलिखित उपाय द्वारा धनलाभ होता है :
1. सातमुखी तथा आठमुखी रुद्राक्ष की दीपावली के दिन पूजा करके उन्हें धारण करें|
2. बिछुआ की जड़ तथा सफेद चन्दन का दीपावली के दिन पूजा करके उन्हें धारण करें|
3. महाकाली तथा छिन्नमस्ता देवी के 108 नामों का पाठ दीपावली से प्रारम्भ करते हुए नित्य करें|
4. ॐ वरुणस्योत्तंभनमसि वरुणस्य स्कंभ सर्जनीस्त्थो वरुणस्यऽॠतसदन्यसि वरुणस्य ॠतसदनमसि वरुणस्यॠतसदनमासीद॥
उक्त मन्त्र का जप दीपावली से प्रारम्भ करते हुए नित्य एक माला जप करें|
25. पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र (से, सो, दा, दी)
पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में किसी व्यक्ति का जन्म हो अथवा उक्त नामाक्षरों में से किसी पर नाम हो, तो निम्नलिखित उपाय द्वारा धनलाभ होता है :
1. पॉंचमुखी तथा सातमुखी रुद्राक्ष को दीपावली के दिन पूजा करके धारण करें|
2. केले तथा बिछुआ की जड़ का दीपावली के दिन पूजन करके उन्हें धारण करें|
3. तारा तथा महाकाली देवी के 108 नामों का जप दीपावली से प्रारम्भ करते हुए नित्य करें|
4. ॐ उतनोऽहिर्बुध्न्य: शृणोत्वजऽएकपात् पृथिवी समुद्र:|
विश्वेदेवाॠता वृधोहुवानास्तुतामंत्रा: कविशस्ताऽअवंतु ॥
उक्त मन्त्र का दीपावली से प्रारम्भ करते हुए नित्य एक माला जप करें|
26. उत्तराभाद्रपद नक्षत्र (दू, थ, ज, ञ)
उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में किसी व्यक्ति का जन्म हो अथवा उक्त नामाक्षरों में से किसी पर नाम हो, तो निम्नलिखित उपाय द्वारा धनलाभ होता है :
1. पॉंचमुखी तथा सातमुखी रुद्राक्ष को दीपावली के दिन पूजा करके धारण करें|
2. केले तथा बिछुआ की जड़ का दीपावली के दिन पूजन करके उन्हें धारण करें|
3. तारा तथा महाकाली देवी के 108 नामों का जप दीपावली से प्रारम्भ करते हुए नित्य करें|
4. ॐ शिवोनामासि स्वधितिस्ते पितानमस्ते अस्तु मामाहि ल सी:| निवर्त्तयाम्यायुषेन्नाद्याय प्रजननाय रायस्पोषाय सुप्रजास्त्वाय सुवीर्याय॥
उक्त मन्त्र का दीपावली से प्रारम्भ करते हुए नित्य एक माला जप करें|
27. रेवती नक्षत्र (दे, दो, चा, ची)
रेवती नक्षत्र में किसी व्यक्ति का जन्म हो अथवा उक्त नामाक्षरों में से किसी पर नाम हो, तो निम्नलिखित उपाय द्वारा धनलाभ होता है :
1. चारमुखी तथा पॉंचमुखी रुद्राक्ष का दीपावली के दिन पूजन करके धारण करें|
2. विधारा तथा केले की जड़ को दीपावली के दिन पूजा करके उन्हें धारण करें|
3. मातंगी तथा तारा देवी के 108 नामों का जप दीपावली से प्रारम्भ करते हुए नित्य करें|
4. ॐ पूषन्तवव्रते वयन्नरिष्येम कदाचन्| स्तोतारस्त ऽइहस्मसि॥
उक्त मन्त्र का दीपावली से प्रारम्भ करते हुए नित्य एक माला जप करें|