वेलेन्टाइन-डे एक ऐसा दिन है, जिस दिन हर प्रेमी अपनी प्रेमिका को अधिकतम ख्ाुशी देने तथा इस दिन का प्रत्येक क्षण अपने साथी के साथ बिताने, उसे ख्ाुशी से जीने की ख्वाहिश रखता है| इन्टरनेट, मोबाइल आदि कम्यूनिकेशन के विस्तृत साधन, स्त्री शिक्षा तथा सह-शिक्षा के कारण भारत में पाश्चात्य देशों की भॉंति ही प्रेम विवाह की दर पूर्व से काफी अधिक बढ़ चुकी है, लेकिन प्रेम विवाह करना आज भी भारतीय समाज में इतना आसान नहीं है| जातिगत तथा आर्थिक स्तर वाले अंतर एवं रूढ़िवादी सोच के कारण भारत में प्रेम विवाह को आज भी उतनी अधिक मान्यता नहीं मिल पायी है| यदि आप भी ऐसी ही समस्या का सामना कर रहे हैं अर्थात् विभिन्न कारणों से अपने साथी के साथ विवाह करने में असमर्थ हैं, परंतु आपका विवाह करने का फैसला अटल है, तो वेलेन्टाइन-डे के दिन आपको स्वयं तथा अपने साथी को गौरी-शंकर रुद्राक्ष धारण करवाना चाहिए| यह रुद्राक्ष प्रतीक है, शिव और शिवा ( मॉं पार्वती) के संयुक्त रूप का| पार्वती जी ने शिव जी को पति रूप में प्राप्त करने के लिए जो प्रयास किए थे, वे बहुत ही कठिन एवं असाध्य थे| श्रमसाध्य तपस्या के पश्चात् ही माता पार्वती भगवान् शिव को पति रूप में प्राप्त करने में सफल हो पायीं थी| गौरी-शंकर रुद्राक्ष इसी चिर पुरातन युगल का प्रतीक है| इस गौरी-शंकर रुद्राक्ष को धारण करने से न केवल आपको अपने मनोनुकूल जीवन साथी से विवाह करने में सहायता मिलेगी, वरन् आपको भगवान् शिव एवं मॉं पार्वती का आशीर्वाद भी प्राप्त होगा| यह रुद्राक्ष न केवल आपके शीघ्र विवाह की स्थितियॉं निर्मित करेगा, वरन् यह आपके मध्ाुर एवं सुखमय दाम्पत्य जीवन की आधारशिला भी रखेगा| इस रुद्राक्ष को धारण करने के साथ भगवान् शंकर एवं मॉं पार्वती की नित्य पूजा-उपासना करना भी आपकी कार्यसिद्धि के लिए उत्तम रहेगा|
